सायुज्यम्
४ मार्च २०२१  से १५  जून २०२२
गुरु ने सिखाई सत की साधना
जप तप निष्ठा नित्योपासना
गुरु ही ईश्वर, गुरु परिज्ञान
गुरु चरणों में चारों धाम


गुरु स्वामी परिज्ञानाश्रम स्वामीजी एवं परम पूज्य सद्योजात शंकराश्रम स्वामीजी के चरणों में समर्पित साधना वर्ष  २०२१ - २०२२ 

परम पूज्य सद्योजात शंकराश्रम स्वामीजी के श्री मुख से कुछ वर्ष पूर्व "मन भावन मेरो” भजन सुना था, ह्रदयस्पर्शी यह भजन हम सभी साधकों के अंतर्मन में समाहित हो गया, साथ ही यह भजन परम पूज्य स्वामीजी और हमारी समृद्ध गुरु परम्परा से मिल रहे निश्छल-निरंतर प्रेम, मार्गदर्शन और ज्ञान की याद दिलाता है।

हमारे लिए यह प्रसन्नता का विषय है कि वर्ष  २०२२  में दो महान और गौरवशाली कार्यक्रमों को सम्पूर्ण भारत एवं विदेशों में ऐतिहासिक रूप से आयोजित करने की योजनाएँ सारस्वत साधकों में प्रारम्भ हो गई हैं।

आगामी वर्ष के दौरान करुणामूर्ति गुरु स्वामी परिज्ञानाश्रम स्वामीजी का  ७५ वाँ जन्मोत्सव (१५ जून २०२२ ) और परम पूज्य गुरुदेव सद्योजात शंकराश्रम स्वामीजी के २५ वें  पट्टाभिषेक दिवस (२१  फरवरी २०२२ ) पर भव्य तथा उत्कृष्ट आयोजन होंगे।

'सायुज्यम्" के दौरान देश-विदेश के साधक अपनी साधना को और अधिक तीव्र तथा अधिक मात्रा में करने के बाद परम पूज्य स्वामी जी के चरण कमलों में अर्पण करेंगे। ध्यान देने योग्य बात यह है कि गत एक मार्च २०२१  को श्री चित्रापुर मठ के पवित्र परिसर में सभी विशिष्ट और गणमान्य व्यक्तियों  की उपस्थिति में परम पूज्य स्वामी सद्योजात शंकराश्रम महाराज की दीर्घ आयु और उत्तम स्वास्थ्य के लिए श्री भवानीशंकर, श्री भुवनेश्वरी देवी और पवित्र गुरु परम्परा से मंगल कामना कर "सायुज्यम्" की शुरुआत की गयी थी।

सायुज्यम् के अंतर्गत मुख्यतः दो स्तर पर साधना कार्यक्रम हो रहे हैं -

१ .सामूहिक साधना
(१५ जून २०२१  से  १५ जून २०२२)
यह शृंखला देश विदेश में स्थित  ३६ सभाओं के माध्यम से निर्धारित समय सारणी के अनुसार आयोजित की जा रही है ।

२ . व्यक्तिगत साधना
(४ मार्च २०२१  से १५  जून २०२२ )
इसके अंतर्गत साधक २५ माला अतिरिक्त इष्ट मंत्र जप (दीक्षित साधक - प्रति माह ), २५ माला अतिरिक्त श्री गायत्री मंत्र जप ( केवल पुरुष वर्ग -प्रति माह ), श्री गुरुपूजन (मास में एक बार ) तथा २५ अतिरिक्त देवी अनुष्ठान, श्री चित्रापुर गुरुपरंपरा चरित्र का एक बार पूर्ण पठन /श्रवण (link:  https://chitrapurmath.net/gallery/default/guruparampara ) और श्रीमद्भगवद्गीता (अध्याय १२ वाँ और १५ वाँ) का पठन, स्तुति मंजरी से स्तोत्र के पठन - इनमें से चुने हुए अथवा सारे अंश व्यक्तिगत सुविधा एवं संकल्प के अनुसार करेंगे।

व्यक्तिगत साधना करने वाले साधक को प्रति माह स्वयं के द्वारा की गयी साधना का विवरण गूगल फार्म ( https://bit.ly/3yRPoZU) के माध्यम से सायुज्यम् समिति को समर्पित करना होता है।

सायुज्यम् के बारे में प्रश्न या सुझाव के लिए माध्यम : sayujyamSCM@gmail.com

 

।।ॐ नमः  पार्वती पतये हर हर महादेव।।