Note: There is a wonderful book that you can refer to for all your verb related questions. It is called बृहद्धातुकुसुमाकरः(चौखम्बा संस्कृत प्रतिष्ठान /दिल्ली / collected and edited by पं ॰ हरेकान्त मिश्रः ). It costs Rs 400/- . It gives you every single form of every single verb in the universe (a slight exaggeration but the books are worthy of such praise). Its twin बृहच्छब्दकुसुमाकरः gives you declensions of every noun in the universe. Cost price was Rs. 200/- when we saw last. |
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Now, our list:
Our धातु s are listed गण wise.
Table 1
धातुः | गणः | पदम् | अर्थः | लट् लकारः, प्रथमः पुरुषः, एकवचनम् | विशेषणम् | नाम |
जि | १ | प | जीतना to win | जिगीषति | जिगीषुः | जिगीषा |
भू | १ | प. | होना to become | बुभूषति | बुभूषूः | बुभूषा |
दृश् | १ | प. | देखना to see | दिदृक्षते (have no idea why a परस्मैपदम् has become आत्मनेपदम् here. Better to remember just the form ) |
दिदृक्षुः | दिदृक्षा |
गै | १ | प. | गाना to sing | जिगासति | जिगासुः | जिगासा |
वन्द् | १ | आ. | वन्दना करना to bow down | विवन्दिषते |
विवन्दिषुः
|
विवन्दिषा |
पा |
१ | प. | पीना to drink | पिपासति | पिपासुः | पिपासा |
यत् | १ | आ. | प्रयत्न करना to try | यियतिषते | यियतिषुः | यियतिषा |
रक्ष् | १ | प. | रक्षण to protect | रिरक्षिषति | रिरक्षिषुः | रिरक्षिषा |
स्वाद् | १ | आ. | स्वाद लेना to taste | सिस्वादिषते | सिस्वादिषुः | सिस्वादिषा |
Table 2
धातुः | गणः | पदम् | अर्थः | लट् लकारः, प्रथमः पुरुषः, एकवचनम् | विशेषणम् | नाम |
तॄ | १ | प. | तैरना to swim | तितीर्षति | तितीर्षुः | तितीर्षा |
क्रीड् | १ | प. | खेलना to play | चिक्रीडिषति |
चिक्रीडिषुः
|
चिक्रीडिषा |
अट् | १ | प. | घूमना to walk/ to move around | अटिटिषति | अटिटिषुः | अटिटिषा |
घ्रा | १ | प. | सूंघना to smell | जिघ्रासति | जिघ्रासुः | जिघ्रासा |
नी | १ | उ. | ले जाना to lead | निनीषति / निनीषते | निनीषुः | निनीषा |
भिक्ष् | १ | आ. | मांगना to beg | बिभिक्षिषते | बिभिक्षिषुः | बिभिक्षिषा |
मुद् | १ | आ. | आनन्द अनुभव करना to be happy/to make happy | मुमुदिषते / मुमोदिषते | मुमुदिषुः | मुमुदिषा |
हृ. | १ | उ. | ले जाना To take away | जिहीर्षति / जिहीर्षते | जिहीर्षुः | जिहीर्षा |
Table 3
धातुः | गणः | पदम् | अर्थः | लट् लकारः, प्रथमः पुरुषः, एकवचनम् | विशेषणम् | नाम |
रुद् | २ |
प. |
रोना to cry/ to weep | रुरुदिषति | रुरुदिषुः | रुरुदिषा |
स्ना | २ | प. | स्नान करना to have a bath | सिस्नासति | सिस्नासुः | सिस्नासा |
वच् | २ | प. | बोलना to talk | विवक्षति | विवक्षुः | विवक्षा |
या
|
२ | प. | जाना to go | यियासति |
यियासुः
|
यियासा |
भी | ३ | प. | डरना to be afraid | बिभीषति | बिभीषुः | बिभीषा |
हा | ३ | प. | फैंकना to throw | जिहासति | जिहासुः | जिहासा |
दा
|
३ | प. | देना to give | दित्सति / दित्सते | दित्सुः | दित्सा |
धा | ३ | प. | रखना to keep | धित्सति / धित्सते | धित्सुः | धित्सा |
नृत् | ४ | प. | नाचना to dance | निनर्तिषति | निनर्तिषुः | निनर्तिषा |
युध् | ४ | आ. | लड़ना to fight | युयुत्सते | युयुत्सुः | युयुत्सा |
Table 4
धातुः | गणः | पदम् | अर्थः | लट् लकारः, प्रथमः पुरुषः, एकवचनम् | विशेषणम् | नाम |
आप् | ५ | प. | प्राप्त होना to get/to obtain | ईप्सति | ईप्सुः | ईप्सा |
श्रु | ५ | प. | सुनना to hear | शुश्रूषते | शुश्रूषुः | शुश्रूषा |
कृष् | ५ | प. | कर्षण करना to cultivate |
चिकीर्षति
|
चिकीर्षुः
|
चिकीर्षा |
सृज् | ६ | प. | उत्पन्न करना to create | सिसृक्षति | सिसृक्षुः | सिसृक्षा |
दिश्
|
६ | उ. |
दिखाना to show |
दिदिक्षति / दिदिक्षते | दिदिक्षुः | दिदिक्षा |
मुच् | ६ | उ. | छोडना to leave | मुमुक्षति / मुमुक्षते | मुमुक्षुः | मुमुक्षा |
भञ्ज्
|
७ | प. |
तोडना to break |
विभङ्क्षति | विभङ्क्षुः | विभङ्क्षा |
छिद् | ७ |
उ. |
तोडना to cut/ to break | चिच्छित्सति / चिच्छित्सते | चिच्छित्सुः | चिच्छित्सा |
भिद् | ७ |
उ. |
तोडना to break | बिभित्सति / बिभित्सते | बिभित्सुः | बिभित्सा |
भुज् | ७ |
उ. |
खाना To eat | बुभुक्षति / बुभुक्षते | बुभुक्षुः | बुभुक्षा |
Table 5
धातुः | गणः | पदम् | अर्थः | लट् लकारः, प्रथमः पुरुषः, एकवचनम् | विशेषणम् | नाम |
कृ ८. उ, करना
|
८ | उ. | करना to do | चिकीर्षति / चिकीर्षते | चिकीर्षुः | चिकीर्षा |
बन्ध् ९. प. बान्धना | ९ | प. | बान्धना to tie | बिभन्त्सति | बिभन्त्सुः | बिभन्त्सा |
मृद् ९. प. | ९ | प. | दबाना to squeeze | मिमर्दिषति | मिमर्दिषुः | मिमर्दिषा |
ग्रह् ९. उ. लेना | ९ | उ. | लेना to get/obtain | जिघ्रक्षति/ जिघ्रक्षते | जिघ्रक्षुः | जिघ्रक्षा |
क्री ९. उ. खरीदना | ९ | उ. | खरीदना to buy | चिक्रीषति/ चिक्रीषते | चिक्रीषुः | चिक्रीषा |
पूज् १०. उ. पूजा करना | १० | उ. | पूजा करना to worship | पुपूजयिषति/ पुपूजयिषते | पुपूजयिषुः | पुपूजयिषा |
चिन्त् १०. उ. चिन्तन करना | १० | उ. | चिन्तन करना to contemplate/to think | चिचिन्तयिषति/ चिचिन्तयिषते |
चिचिन्तयिषुः |
चिचिन्तयिषा
|
रच् १०. प, रचना | १० | प. | रचना to construct/to develop | रिरचयिषति | रिरचयिषुः | रिरचयिषा |
मृग् १०. आ. | १० | आ. |
ढूँढना to seek for/ to search |
मिमृगयिषते | मिमृगयिषुः | मिमृगयिषा |
1. युयुत्सवः कुरुक्षेत्रे किम् अकुर्वत ? (१.१)
2. बुभुक्षवः छात्राः अन्नक्षेत्रं धावन्ति ।
3. योगम् आरुरुक्षोः कर्मयोगः साधनम् । (६:३)
4. योगस्य जिज्ञासुः अपि ऊर्ध्वं गच्छति । (६:४४)
5. लोकसङ्ग्रहं चिकीर्षुः विद्वान् कर्म करोति । (३:२५)
6. अशुश्रूषवे न इदं वाच्यम् । (१८:६७)
7. विरक्तस्य मुमुक्षोः उपनिषत्सु अधिकारः ।
8. मुमूर्षोः का (अन्तिमा) इच्छा भवेत् ?
9. अस्मिन् श्लोके कवेः का विवक्षा स्यात् ?
10. तत्त्वस्य विविदिषया केचित् कर्म सन्यस्यन्ति ।
11. मयि निद्राम् इच्छति, मशकानां रक्तपिपासा ।
12. नचिकेतसः आत्मानम् उद्दिश्य बुबुत्सा ।
13. कुम्भकर्णस्य (उत्थितस्य ) बुभुक्षा दुष्पूरा ।
14. विश्वरूपं दिदृक्षुः कौन्तेयः वार्ष्णेयं प्रार्थयते । (११:३)
15. स्वर्गं जिगमिषूणां क्रियासु एव आसक्तिः । (२:४३)
16. मायां तितीर्षुः ईश्वरमेव प्रपद्यते । (७:१४)
17. वेदान् पिपठिषुः गुरुम् एव अधिगच्छेत् ।
18. वेदान्तान् व्याचिख्यासुः श्रीशङ्करः श्रीगोविन्दपादैः अनुज्ञातः ।
19. विद्येप्सुः सुखं त्यजेत् , सुखेप्सुः विद्यां त्यजेत् ।
20. भोगवस्तुषु जिहासा वैराग्यं कथ्यते । (Vivekchudamani 21)
21. जगत् सिसृक्षुः ब्रह्म तपः अतप्यत ।
Here ends the lesson on इच्छार्थकरुपाणि. In Lesson 76, let's proceed to भाववाचक संज्ञा
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